अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस
इस संस्था में बहुत से स्वयंसेवक जुड़े हुए हैं। जिन्हें वालंटियर भी कहा जाता है। यह इस संस्था से जुड़ कर लोगों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में काम करते हैं। यह स्वयंसेवक या वालंटियर सरकार की सहायता से वैश्विक स्तर पर समानता के लक्ष्य को आगे बढ़ाने की दिशा में भी कार्यरत है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस दिन को 5 दिसंबर की तारीख पर मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र की सभा में आज से कई साल पहले 17 दिसंबर 1985 को इसे लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। इस प्रस्ताव के पूर्ण सहमति से पास होने के बाद से ये दिवस अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संस्थानों के जरिए विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह एक वैश्विक उत्सव है। जिसमें सभी स्तर के लोगों की जीवन शैली में बदलाव लाने की कोशिश भी की जाती है।
यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली के द्वारा इसे सुचारू रूप से चलाया जाता है। इस संस्था में बहुत से स्वयंसेवक जुड़े हुए हैं। जिन्हें वालंटियर भी कहा जाता है। यह इस संस्था से जुड़ कर लोगों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में काम करते हैं। यह स्वयंसेवक या वालंटियर सरकार की सहायता से वैश्विक स्तर पर समानता के लक्ष्य को आगे बढ़ाने की दिशा में भी कार्यरत है।
इस संस्था और इस दिन को मनाने का उद्देश्य है राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, गांव और शहर के स्तर में सम्पूर्ण विकास के लक्ष्य पूर्ति की जा सके। इसका मतलब है सभी स्तर पर समाज में समानता और विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए एक दूसरे का सहयोग किया जा सके। यहां पर ये ध्यान रखा जाता है कि मानवता की कोई सीमा नहीं है। इसे देश, राज्य, गांव, शहर के स्तर पर बांटा नहीं जा सकता। पूरा विश्व मानवता की दृष्टि से एक घर है, जहां हर कोई एक दूसरे का रिश्तेदार एक दूसरे का सहयोगी है। और अगर ये सब मिलकर एक साथ कार्य करेंगे तो पूरे वैश्विक स्तर पर मानवता और मानवीय जीवन को सुधारने में मदद की जा सकती है।
इसी दिशा पर बहुत से स्वयंसेवक अपने दैनिक जीवन से महत्वपूर्ण समय निकालकर समाज और मानवत के विकास के लिए कार्य करते हैं। जिन्हें हम वालंटियर भी कहते है। इन्हीं वालंटियर के उत्साह को बढ़ाने इनके कार्य में इनकी मदद करने के लिए इस दिन को एक उत्सव की तरह मनाया जाता है।
United General Assembly हर साल इंटरनेशनल वॉलिंटियर डे से जुड़े अभियान की शुरुआत करती है। और इस अभियान को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने में भी मदद करती हैं। ताकि ये वॉलिंटियर्स राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और विकास को बढ़ावा दे सके। और इनके द्वारा किए गए कार्यों को सराहना देते हुए इनके उत्साह को और भी ज्यादा बढ़ाया जाए। इस संस्था से जुड़े 70% से भी ज्यादा लोग अपनी इच्छा से जुड़ते हैं । इन पर कोई दबाव नहीं होता। अगर देखा जाए तो 70% से भी ज्यादा सदस्यों की संख्या में महिलाएं शामिल है। जो स्वयंसेवी की तरह समाज, देश और वैश्विक स्तर पर लोगों को विकास की दिशा से जोड़ने के लिए कार्य करती है। स्वयंसेवीओं का उत्साह बढ़ाने इनके महत्व से दुनिया को रूबरू करवाने के लिए इंटरनेशनल वॉलिंटियर डे पूरे उत्साह के साथ 5 दिसंबर को मनाया जाता है। जो इस साल भी मनाया जाएगा।