एडवेंट की शुरुआत

एड्वेंट क्रिश्चियन ईयर या क्रिश्चियन कैलेंडर का एक मौसम है। जिसे ज्यादातर क्रिश्चियन धर्म का पालन करने वाले देश मनाते हैं। ये वो समय है जब क्रिसमस के आने का इंतजार किया जाता है। वही क्रिसमस जब जीसस क्राइस्ट ने इस दुनिया में जन्म लिया था। साथ ही एड्वेंट के जरिए क्रिश्चियन धर्म का पालन करने वाले लोग जीसस क्राइस्ट के दूसरी जन्म का इंतजार भी करते नजर आते हैं।
एडवेंट ; Image Source: Christianity.com

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एड्वेंट के दिध को क्रिश्चियन कैलेंडर की शुरुआत भी माना जाता है और क्रिसमस की छुट्टियों में एडव़ेट का दिन भी शामिल होता है। पूर्वी क्रिश्चियन धर्म के लोग एडवेंट शब्द का इस्तेमाल करते हैं। एक तरह से इसमें 40 दिन का उपवास भी रखा जाता है। लेकिन पश्चिमी क्रिश्चियन धर्म के लोग की मान्यता इससे थोड़ी अलग है। एड्वेंट का सीधा सा अर्थ ठंडे मौसम की शुरुआत से है। जब क्रिश्चियन कैलेंडर की शुरुआत होती है और ये माना जाता है कि अब जीसस क्राइस्ट दोबारा इस धरती पर जन्म लेंगे और उन्हीं की याद में हर साल नवंबर से दिसंबर के कुछ हफ्तों को एड्वेंट बिगन की तरह पूरे धूमधाम से मनाया जाता है।

2022 की बात की जाए तो 27 नवंबर 2022 को रविवार के दिन से एड्वेंट की शुरुआत होगी। जो 24 दिसंबर 2022 शनिवार तक चलेगी। एड्वेंट का ये दिनांक बदलता रहता है। लेकिन ये तय है कि नवंबर और दिसंबर के बीच में कुछ हफ्तों को एडवेंट बिंगिन की तरह मनाया जाता है। 2023 की बात करें तो 3 दिसंबर से लेकर दिसंबर 24 तक एड्वेंट मनाया जाएगा। बीते हुए साल 2021 में 28 नवंबर 2021 से लेकर 24 दिसंबर 2021 तक एडवेंट मनाया गया था। सबसे अनोखी बात ये है कि एडवेंट की शुरुआत रविवार के दिन से ही होती है। जो खत्म किसी भी दिन पर हो सकती है।

अगर आसान भाषा में समझा जाए तो एड्वेंट मनाया जाता है क्रिसमस की तैयारी को लेकर। क्रिसमस के आने से 4 हफ्ते पहले जो पहला रविवार का दिन पड़ता है। उस दिन से लेकर 40 दिनों तक क्रिश्चियन धर्म के लोग एड्वेंट के इस मौसम को एक त्यौहार की तरह मनाते हैं। इसमें 40 दिनों का व्रत भी रखा जाता है। घरों को सजाया जाता है। ये माना जाता है कि ये जीसस क्राइस्ट के स्वागत करने का एक तरीका है। इस दौरान घरों को बिल्कुल सजाया जाता है। जैसे दिवाली में भारत में हर घर को सजाया जाता है। उसी तरह एडवेंट के दौरान हर घर में कैंडल जलते हुए दिखाई देते हैं। अलग-अलग तरह के कुकीस, केक बनाए जाते हैं।

संगीत, नाच, गाने के जरिए क्रिश्चियन धर्म के लोग क्रिसमस के आगमन का उत्साह मनाते दिखाई देते हैं।

लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि हर क्रिश्चियन देश और हर क्रिश्चियन धर्म को मानने वाले एड्वेंट बिगिन को त्यौहार की तरह मनाते हो। कुछ क्रिश्चियन इस तरह की परंपरा का पालन नहीं करते। पर अगर एड्वेंट के शाब्दिक अर्थ को देखा जाए तो ये लैटिन भाषा का एक शब्द है। जिसका मतलब है 'आगमन'।

इतिहासकार मानते हैं कि चौथी और पांचवी शताब्दी के दौरान स्पेन में एडव़ेट के सीजन की शुरुआत हुई थी। सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ ही इसे भगवान के आने की याद में उनके स्वागत के लिए मनाया गया था। और तब से लेकर आज तक बहुत से पूर्वी क्रिश्चियन देश इसे त्योहार की तरह मनाते हैं। ये कुल 40 दिनों का त्यौहार होता है। जिसमें अलग-अलग तरह से प्रार्थना की जाती है। व्रत और उपवास रखा जाता है। बहुत ही कम लोग ये भी जानते हैं कि क्रिसमस और एडवेंट का गहरा संबंध है। पर शुरुआत से ही ये उत्सव क्रिसमस से जूड़ा हुआ है।

जीसस क्राइस्ट को मानने वाले लोग ये मानते हैं कि एक दिन इस दुनिया में वो वक्त भी आएगा। जब जीसस दोबारा जन्म लेंगे और क्रिश्चियन धर्म के लोग उसी दिन के इंतजार में है। तब एक नई शांति भरे इस साम्राज्य का उदय होगा। दुनिया में शांति वापस फैलने लगेगी। अपने मसीहा के धरती पे वापस आने के इंतजार में क्रिश्चियन धर्म के लोग अपनी पलके बिछाए बैठे हैं। और एड्वेंट बिंगीन का ये उत्साह ये पर्व जीसस क्राइस्ट के वापस आने की याद में ही मनाया जाता है। माना जाता है कि आने वाले किसी भी क्रिसमस में जीजस फिर दुबारा आंएगे। उनका जन्म होगा तब तो पांप खत्म होगा और इस दुनिया में शांति फैल जाएगी।

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