राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस

वर्ष 2021 में ऊर्जा संरक्षण सप्ताह (8-14 दिसंबर) मनाया जा रहा है।
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ऊर्जा दक्षता ब्यूरो’ (BEE) द्वारा प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ मनाया जाता है।यह दिवस लोगों को ‘ग्लोबल वार्मिंग’ और जलवायु परिवर्तन के विषय में जागरूक करने पर केंद्रित है और ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देता है। यह ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डालता है।

विद्युत मंत्रालय द्वारा भारत सरकार ने 1991 में एक योजना शुरू की जो हर साल उद्योगों और प्रतिष्ठानों को पुरस्‍कार देकर राष्‍ट्रीय मान्‍यता प्रदान करती है। प्रत्येक 14 दिसंबर को राष्ट्रीय पुरस्‍कार दिया जाता है जिन्होंने उत्पादन को बनाए रखने और ऊर्जा खपत को कम करने के लिए विशेष तरह से कार्य किया।

आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत वर्ष 2021 में ऊर्जा संरक्षण सप्ताह (8-14 दिसंबर) मनाया जा रहा है। समारोह के हिस्से के रूप में, विद्युत मंत्रालय के तहत ‘ऊर्जा दक्षता ब्यूरो’ ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है। कई देशों में ऊर्जा संरक्षण को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कार्बन टैक्स भी लगाया गया है। ताकि ऊर्जा का बेलगाम उपयोग नहीं हो।

इस दिशा में किये जाने वाले कार्ये

अब तक राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के 1700.77 मेगावाट की क्षमता वाले प्रोजेक्ट लगाए जा चुके हैं और 184.12 मेगावाट की क्षमता के अन्य प्रोजेक्ट भी लगाए जा रहे हैं।

इसी साल जापान के मित्सुई कंपनी ने पंजाब रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम्स में 4.1मिलियन डॉलर ( लगभग 30 करोड़) का निवेश करने का निर्णय लिया है। पंजाब रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड भारत की प्रमुख बायोमास सप्लाई चेन मैनेजमेंट कंपनी है।

भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य पेशेवर, योग्य और ऊर्जावान प्रबंधकों एवं लेखा परीक्षकों की नियुक्ति करना है जिनके पास ऊर्जा से संबंधित परियोजनाओं के नीति निर्धारण, वित्त प्रबंधन एवं क्रियान्वयन की विशेषज्ञता हो।

ऊर्जा संरक्षण के निम्न उपाए

1.घरो में पानी की टंकियो में पानी पहुँचाने के लिए टाइमर का उपयोग करके पानी के व्यर्थ व्यय को रोककर विद्युत ऊर्जा की बचत की जा सकती है।

2.दिन में सूर्य के प्रकाश का अधिकतम उपयोग करे तथा गैर जरुरी पंखे लाईट ए.सी. इत्यादि उपकरणों को बंद रखे।खासकर कार्यालयीन समय में भोजन अवकाश के दौरान और कक्ष से बाहर जाते समय।

3.भवनों के निर्माण के दौरान प्लाट के चारो तरफ़ उपलब्ध भाग को पेडो/लताओं से आच्छादित करके हम भवनों को गर्म होने से बचा सकते है जिससे भवनों में रहने वालो को सीलिंग फैन और कूलर इत्यादि का कम से कम उपयोग करना चाहिए.

4.कमरे की दीवार की भीतरी सतह पर हलके रंगों का प्रयोग करे ऐसा करने से कम वाट के प्रकाश उपकरणों से कमरे को उपयुक्त रूप से प्रकाशमान किया जा सकता है।

5.खाना बनाने हेतु बिजली के स्थान पर सोलर कुकर व पानी गर्म करने हेतु गीजर के स्थान पर सोलर वाटर हीटर का उपयोग कर हम बहुमूल्य विद्युत ऊर्जा का संरक्षण कर राष्ट्रहित में भागीदार बन सकते है। यदि गीजर का उपयोग करे तो इसे न्यूनतम समय तक उपयोग में लायें इसके लिए थर्मोस्टेट एवं टाइमर के तापमान की सेटिंग का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

6.इन पम्प सेटों की कार्यक्षमता में छोटे-बड़े संशोधनों सहित 25 से 35 प्रतिशत के सुधार की संभावना होती है, जैसे इसकी जगह आईएसआई वाले पम्पों को प्रयोग में लाना।

7.वोल्टेज व ऊर्जा संरक्षण की स्थिति को सुधारने के लिए मोटर सहित उपयुक्त आईएसआई मार्क वाले कैपासिटर का प्रयोग करना चाहिए।

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