खुद से करें प्यार तो योग से कैसे करें इनकार
इस भीड़ भाड़ भरी दुनिया में यदि किसी से मिलना ज़रूरी है तो वह है खुद से। इस तनाव भरी दुनिया में इसका सबसे और आसान तरीका है योग। योग खुद को अपनाने और सुधारने का एक ज़रिया है जिसका न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में बड़ी तेज़ी से प्रभाव बढ़ रहा है।
ज़िंदगी समय के साथ बहुत बदल गई है और बदल गई है उसकी परेशानियाँ भी। तनाव एक ऐसी समस्या बन गई है जो लगभग सभी को है। वह चाहें 10 साल का बच्चा हो या 80 साल का बुजुर्ग। इसका सबसे बड़ी वजह है हमारी जीवन शैली। जहाँ मानसिक तनाव तो बहुत है लेकिन व्यायाम नहीं।
वैसे तो दुनिया में कई प्रकार के व्यायाम मौजूद है लेकिन योग ऐसा व्यायाम है जिसकी लोकप्रियता पूरे विश्व में बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण है इसके फ़ायदे और इसे अपनाने वाले लोगों के जीवन पर इसका प्रभाव।
योग जिसे पहले लोग धीमा माध्यम मानते थे आज लंबी अवधि के लिए निवेश के रूप में देखते है। योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी वरदान है। विभिन्न शोधों में इसकी पुष्टि भी हो चुकी की है। योग आपके शरीर को तंदुरुस्त बनाता है और मन को शांत।
योग मन को स्थिर करने की क्रिया है ~ पतंजलि
आज विज्ञान की तरक्की के कारण मानव का शारीरिक परिश्रम बेहद कम हो गया है वहीं मानसिक तनाव अत्यधिक बढ़ गया है। छोटे-छोटे बच्चों में आजकल डिप्रेशन, अनिद्रा, निराशा और तनाव की समस्या देखी जा रही है जो पूरे समाज के लिए एक बड़ी समस्या है। ऐसे बच्चों के लिए योग उतना ही ज़रूरी है जितना भोजन करना।
सोशल मिडिया के इस दौर में हर कोई दुनिया को अपना अपना बेस्ट रूप दिखाना चाहता है। यही कारण है की कोई अपने मोटापे से परेशान है तो कोई दुबलेपन से। योग दोनों ही सूरतो में कामयाब है।
योग हमें उन चीजों को ठीक करना सिखाता है जिसे सहा नहीं जा सकता और उन चीजों को सहना सिखाता है जिन्हें ठीक नहीं किया जा सकता ~ बीकेएस आयंगर
ब्लड प्रेशर और शुगर ऐसी बिमारियाँ है जो लगभग हर 10 में से 1 व्यक्ति को है। यह बिमारियाँ हज़ारों बिमारियों को दावत भी देती है। डॉक्टर इन बिमारियों को काबू में रखने के लिए हर साल लाखों का खर्चा करवाते है वहीं योग मुफ़्त में इन बिमारियों को ठीक कर देता है।
भारत में योग का हज़ारों साल पुराना इतिहास है। सदियों से भारत के लोग इसका अभ्यास करते आऐ है। योग का अभ्यास हमारे दिमाग़ और शरीर के बीच न केवल संतुलन बढ़ाता है बल्कि हमारी एकागर्ता की शक्ति को भी कई गुणा बड़ा देता है। प्रतियोगिता से भरी इस दुनिया में सफलता प्राप्त करने के लिए यह ब्रह्मास्त्र की तरह काम करता है।
शरीर में जकड़न हो या मन में उलझन योग में हर समस्या का समाधान है। 21 जून की तारीख पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाई जाती है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पहली बार 2015 मनाया गया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र संघ में नरेंद्र मोदी ने रखा था। केवल 90 दिनों में सभी राज्यों की सहमति के साथ इसे पारित कर दिया गया। यह और कुछ नहीं बल्कि योग का दुनिया पर प्रभाव का ही असर था जिसके कारण इतने कम समय में यह प्रस्ताव मान लिया गया।