केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस

इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य है केंद्रीय उत्पाद और कस्टम बोर्ड ऑफ इंडिया का देश के आर्थिक विकास में दिए जाने वाले योगदान का सम्मान करना।
 केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस का प्रतीक चिन्ह; स्रोत: जागरणजोश.कॉम

केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस का प्रतीक चिन्ह; स्रोत: जागरणजोश.कॉम

केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग भारत के सबसे पुराने सरकारी विभागों में से एक था जो सन्न 1855 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत में सीमा शुल्क कानूनों, आयात शुल्क और भूमि राजस्व संग्रह के प्रशासन के लिए स्थापित किया गया था। 1944 में “केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम” या “केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम” पारित किया गया था, और उस वर्ष पहला "केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस" मनाया गया था, हालांकि इस अधिनियम को 1996 में संशोधित भी किया गया था।

पहले केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) का नाम केन्द्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) हुआ करता था। बाद में वर्ष 2017 के दौरान भारत सरकार ने इस विभाग का नाम बदलकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) रख दिया।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड भारत के केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और कस्टम बोर्ड के पास देश में कस्टम, जीएसटी, केंद्रीय एक्साइज, सर्विस टैक्स और नारकोटिक्स के प्रशासन की जिम्मेदारी होती है। यह एक तरह का अप्रत्यक्ष कर है, जो कारखानों में बनने वाले सभी तरह के उत्पादों पर लगता है।

देश के औद्योगिक विकास में केंद्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क विभाग की भूमिका काफी अहम है। इसने कर प्रणाली में सुधार करके टैक्स भुगतान को काफी आसान बना दिया है। इसके लिए कई तकनीकों का भी सहारा लिया गया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क विभाग को सरकारी ऐजेंसियों सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी),नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), आयकर विभाग ,भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के मुकाबले सबसे अधिक बार सर्वश्रेष्ठ एंटी-स्मगलिंग ऐजेंसी का अवॉर्ड मिल चुका है।

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि देश के लोगों को 'केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड' के महत्व के बारे में बताया जाए। इस दिन बोर्ड की ओर से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें सेमिनार, कार्यशालाएं, शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, जागरुकता कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं और पुरस्कार समारोह शामिल है जिनके ज़रिये लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने की कोशिश की जाती है।

'केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस' के दिन केंद्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क (सीबीआईसी) की ओर से दी जा रही सेवाओं, और उनसे जुड़े अधिकारियों को सम्मानित भी किया जाता है।

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